तहजीब और नफासत के लिए मशहूर लखनऊ के निवासी. भारतीय डाक विभाग में सहायक अधीक्षक के पद पर कार्यरत. लिखने-पढने की अभिरुचि यहाँ तक खींच लाई, सो अब ब्लागिंग में भी सक्रिय. देश की तमाम पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं में रचनाएँ प्रकशित. यहाँ मेरे ब्लॉग 'भारती का ब्लॉग' पर आप पायेंगें मेरी रचनाएँ, विचार और भी बहुत कुछ. अभी सीखने की प्रक्रिया में हूँ, अत: आप सभी के मार्गदर्शन का आकांक्षी भी हूँ !!
सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह
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*सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह*
* सावनी*
काली घटाएँ करती शोर
वन में नाचें पपीहा मोर
मन-मोहक ऋतु आई ऐसी
छाइ हरीतिमा चारों और
अंबर में विधुत्त चमचम...
प्यार का भी भला कोई नाम होता है ...
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तुम मिले तो जिंदगी में रंग भर गए।
तुम मिले तो जिंदगी के संग हो लिए।
प्यार का भी भला कोई दिन होता है। इसे समझने में तो जिंदगियां गुजर गईं और
प्यार आज भ...
मुझे अपना दोस्त बना लो
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आदिल के घर के पड़ोस में शर्मा अंकल रहते थे. उनका घर बहुत बड़ा था. बच्चे उनसे
बहुत डरते थे. क्योंकि उनकी बड़ी बड़ी मूंछे थी जिसके कारण वो डरावने दिखते थे.
उनक...
होली के रंग कुछ कहते हैं
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रंग हमारे जीवन में बड़े महत्वपूर्ण हैं। ये हमारे स्वास्थ्य और मूड को सीधे
तौर पर प्रभावित करते हैं। हमारे आसपास यूं तो कई रंग हैं, पर ये चाहे-अनचाहे
हम...
ब्लॉग लेखकों के लिए आवश्यक सूचना
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गूगल के द्वारा अपनी रीडर सेवा बंद करने के कारण हमारीवाणी की सभी कोडिंग
दुबारा की गई है। हमारीवाणी "क्लिक कोड" से अधिकतर पोस्ट अपडेट होने लगी हैं,
मगर कोडि...
शुभ हो नववर्ष
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नया वर्ष आ गया; वर्ष 2012 आ गया; पुराना वर्ष 2011 चला गया। इस समय समाचारों
में लोगों का उत्साह दिखाया जा रहा है। घर के कमरे में बैठे-बैठे हमें यहां
उरई म...
ब्लॉगर पर नई सुविधा- लेबल क्लाउड (label cloud)
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ब्लॉगर सेवा के दस साल पूरे होने के साथ ही चिट्ठाकारों को नई सौगातें मिलने
का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लॉगर संचालित चिट्ठों पर लेबल क्लाउड की
बहुप्रतीक्षित...
2 टिप्पणियां:
डरके जीना भी भला जीना है कोई
वो भी इस दुनिया में जहां हर कोई
काटने को तैयार है बैठा है छुपके
तनके सीखो चलना तुम सड़कों पे समझे
आपको पड़ कर अच्छा लगा।
धन्यवाद
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