गुरुवार, 1 नवंबर 2012

जीवन सूत्र 


 1-  लक्ष्य के बिना  जीवन बिना पता लिखे लिफाफे के समान है  जो कहीं  नहीं पहुंच  सकता !

 2-  एक पत्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है और भगवान् बन जाता है , हम इंसान हर रोज मंदिर जाते हैं फिर  भी पत्थर ही रहते हैं !

3-  यदि जीवन में लोकप्रिय होना  हो तो सबसे ज्यादा "आप " शब्द का , उसके बाद  "हम "शब्द का और सबसे कम मैं शब्द का उपयोग करना चाहिए !

4-  मंजिल मिल जाएगी  भटकते ही सही , गुमराह तो वो हैं जो घर से निकलते ही नहीं  !

5-  अगर लगने लगे कि  लक्ष्य हांसिल नहीं हो पायेगा , तो लक्ष्य को नहीं प्रयासों  को बदलें !

6-  टूट जाता है गरीबी में वो रिश्ता जो खास होता है , हजारों रिश्ते बनतें  हैं जब  पैसा  पास होता है !

7-  जन्म के लगभग दो वर्षों  बाद इंसान बोलना  सीख लेता है लेकिन क्या बोलना है ये सीखने में पूरा जीवन लगा देता है !

8-  श्वयम पर विश्वाश करके , पूरे आत्मविश्वाश के साथ कार्य करें  हम सब कुछ कर सकतें हैं!

1 टिप्पणी:

virendra sharma ने कहा…

अच्छे जीवन सूत्र संजोए है दोस्त मोती हैं माला के मनके हैं जीवन माला के .


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शुक्रवार, 2 नवम्बर 2012
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो -डॉ .वागीश मेहता .
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो

-डॉ .वागीश मेहता .

अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,

हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .

(2)


इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,

आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .

http://veerubhai1947.blogspot.com/