भारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
चछु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
चछु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
1 टिप्पणी:
गहन भाव लिए हैं सभी हाईकु
एक टिप्पणी भेजें