शनिवार, 5 मार्च 2011

मोबाइल

चिट्ठी लिखना भूल गये
आया जब से मोबाइल
हस्तलेख तो याद नहीं
हो गये ऐसे काहिल
की-बोर्ड पर अक्सर अंगुली
झटपट ऐसे नाचे
संक्षेप शब्द का अर्थ दिवाने
भिन्न-भिन्न ढंग बांचें
हाय-हाय, हैल्लो-हैल्लो
अब हर मुख-कर्ण समाया
नयी-नयी सुविधाएं लेकर
अपना समय बिताया
लगता नीरस ’अद्भुत डिब्बा’
जब हो जाये व्यस्त नेटवर्क
प्यारे-प्यारे अरमानों का
कर देता बेड़ा गर्क
कभी-कभी तो अति अद्भुत ही
कर्ण पड़े संदेश
सुन-सुन कर अच्छे-अच्छे
भी खा जाते हैं तैश
इस रूट की सभी लाइनें व्यस्त हैं
़़़़ ़ लेकिन नेटवर्क बड़ा ही मस्त है
जो नम्बर आपने डायल किया है
उसका उत्तर नहीं मिल रहा है
़़ ़ लेकिन फोन तो बार-बार हिल रहा है
डायल किया गया नम्बर मौजूद नहीं है
़ ़लेकिन चार बार बैलेंस कम हो गया है

1 टिप्पणी:

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना| धन्यवाद|