हिंदी में बोलें और गायें
निशदिन हिंदी दिवस मनाएं
आओ हम खुद को पहचानें
अंग्रेजी संग हुए बेगाने
जिसे बोलते जीभ लचकती
अधरों पर मुस्कान न आये
हिंदी में बोले और गायें
निशदिन हिंदी दिवस मनाएं
हिंदी का आया पखवारा
भागी इंग्लिश देख अखारा
भाव बिखर कर गिरती जाती
हिंदी के सम्मुख टिक न पाती
कर्ण-प्रिय लगती निज भाषा
जन-जन में ये भाव जगाये
हिंदी में बोलें और गायें
निशदिन हिंदी दिवस मनाएं
हिंदी की उन्नति के खातिर
तन-मन से यदि होंगें हाजिर
उन्नति अपनी ही होगी
दुनियां सपनों सी ही होगी
रहे अँधेरा न कहीं धरा पर
आओ ऐसा दीप जलाएं
हिंदी में बोलें और गायें
निशदिन हिंदी दिवस मनाएं
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16 घंटे पहले
6 टिप्पणियां:
हिंदी का मान रखें ....
बहुत ख़ूबसूरत रचना बनी इस हिन्दी दिवस पर !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ..यही जज़्बा रहना चाहिए
...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
हिंदी दिवस की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ
बहुत सुन्दर रचना
आओ ऐसा दीप जलाएं
हिंदी में बोलें और गायें
निशदिन हिंदी दिवस मनाएं
...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...बधाई.
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