है कहाँ-कहाँ न प्रगति हुई
चहुँ ओर प्रगति दिखलाई पड़े
अथाह-प्रगति के सागर में
अविराम प्रगति के खम्ब जडे
है लुटेरों का राज यहाँ
पग-पग फैला भ्रष्टाचार
अपराधों की प्रगति हो रही
हर दिन होता अत्याचार
कुछ वर्ष पूर्व हम जीते थे
व्यवस्थित मतवाली लहरों संग
है अस्त-व्यस्त जीवन अब तो
होती भोर अभावों संग
सब कुछ कागज पर होता है
सड़क नालियों का निर्माण
लूट-लूट सरकारी पैसा
रचते नित ’’भ्रष्टाचार-पुराण’’
गुलाम समय में ‘चालीस’ थे
आजादी में सौ आजाद हुए
अब अर्धशतक के पहले ही
एक सौ दस ‘आबाद’ हुए
सरेआम लुटती है अबला
जीवन की गूंजे चित्कार
निशदिन ऐसा फैल रहा है
मानवता पर अत्याचार
जनसंख्या में उन्नति जारी है
अवनति ने कदम बढ़ाये हैं
अभावों की भीषणता ने
पग-पग ध्वज फहराये हैं
फिर भी भाषण में होता है
प्रखर-प्रगति का ही गुणगान
पाश्चत्य सभ्यता में खोकर के
‘‘कहते मेरा भारत महान’’
नेता के भाषण-प्रवाह में
जन-मानस यूँ बह जाता है
मिथ्या वादों की गम्भीर मार से
सारे दुःख सह जाता है
भारत की सोयी जनता जागे
गद्दारों का हो प्रतिकार
तभी देश का भाग्य जगेगा
माँ-‘भारती’ का हो सत्कार
कहीं-कहीं पर अन्न नही है
कहीं-कहीं मिलता न पानी
कहीं-कहीं न घर रहने को
कहीं सदा तड़पी जिन्दगानी
My Stamp : अब अपने जन्मदिन, विवाह व सालगिरह पर भी लोग जारी करवा सकेंगे डाक
टिकट - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
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आजकल हर कोई जन्मदिन, शादी, सालगिरह या रिटायरमेंट को यादगार बनाने के लिए कुछ
अनूठा करना चाहता है। पर कभी आपने सोचा है कि आपके जीवन के इन महत्वपूर्ण पलों
प...
1 हफ़्ते पहले
5 टिप्पणियां:
bahut khoob dbharti ji...........mai to fan ho gaya apka
visit my new post
" वट ए कार या फिर वट ए गर्ल.............! "
" करते है साक्षर ही अधिक भ्रूण हत्या .................. "
bakhoobi likha hai , bahut hi badhiya
Bahut badiya likhti hain aap. Yun hi likhte rahiye.
Aap bahut hi badiya likhti hain. Yun hi likhte rahiye
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