मंगलवार, 17 जुलाई 2018

रख होंसला वो मंजर भी आयेगा
प्यासे के पास चल कर ,
समंदर भी  आयेगा
हिम्मत मत हार
ए राह के  मुसाफिर ,
मंजिल भी मिलेगी
और मिलने  का मजा भी आयेगा  

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