लाल मेरे माना तुझे जन्म न दिया
लेकिन तुझे मैंने अपना नाम दिया है
पाल पोश ‘माँ ‘ ने तुझे है बड़ा किया
हर कदम पर मैंने भी तो साथ दिया है
माना कि नौ माह, माँ ‘ का प्यार बड़ा है
मैंने भी खुद से ज्यादा तुझे प्यार किया है
अगुली पकड़ के माँ ने तुझे चलना सिखाया है
डगमगाये कदम तो मैंने थाम लिया है
मुसीबत में माँ ने तुझे अंक भर लिया
मैंने भी मुसीबत को नाकाम किया है।
जब चिट्ठियों ने भरी पहली बार हवाई उड़ान : प्रयाग कुंभ मेले के दौरान 18 फरवरी
1911 को शुरू हुई थी दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा
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कुंभ प्रयाग ही नहीं बल्कि संगम की रेती पर लगने वाला विश्व का सबसे बड़ा स्वतः
स्फूर्त आयोजन है। कुंभ सिर्फ मानवीय आयोजन नहीं बल्कि एक दैवीय और आध्यात्मिक
म...
1 दिन पहले
2 टिप्पणियां:
बिल्कुल सही कहा………………मां के साथ साथ पिता के योगदान को नकारा नही जा सकता।
इसी पर मैने भी कुछ लिखा है यहाँ पढियेगा।
http://vandana-zindagi.blogspot.com
खूबसूरत अभिव्यक्तियाँ...बधाई.
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