शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

सरहद पैर

दो आतंकी ढेर
दो जवान शहीद
कुल मिला कर
चार घरों में अँधेरा
दो इधर
तो दो घर उधर
जरी है अभी सिलसिला
सरहदों पर
..आमीन..
प्रस्तुतकर्ता संजय भास्कर पर

2 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

pata nahi kab tak hoga yah silsila

संजय भास्‍कर ने कहा…

shukriya sir...

blog par sathaan dene ke liye