तन पर झोला , मन है भोला
घूम रहा है गली - गली
आओ अपनी चिठ्ठी ले लो
हर द्वार-द्वार पुकार चली
मीठे -मीठे श्वर को सुनकर
मुरझाये चेहरे खिल जाते
यादों में है जिन्हें बसाया
पत्रों में आकर मिल जाते
वर्षा हो या जेष्ठ दुपहरी
तूफां हो या शीत हो गहरी
हर मौसम में नित-दिन आता
बन करके "हर दिल" का प्रहरी
सबसे उसका प्रेम का नाता
नित-दिन नयें संदेशे लाता
हर सुख-दुःख का वह भागी है
हर "दिल" उसका अनुरागी है
Postmaster General Krishna Kumar Yadav releases special cover on the Ram
Navami
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In a program organized under the aegis of Postal Department and Prayag
Philatelic Society, Postmaster General of Varanasi & Prayagraj Region Shri
Krishna...
16 घंटे पहले
6 टिप्पणियां:
बढिया ....
Kitni saral sundar rachana hai!wah!
Bahut pyari rachna..badhai.
सबसे उसका प्रेम का नाता
नित-दिन नयें संदेशे लाता
हर सुख-दुःख का वह भागी है
हर "दिल" उसका अनुरागी है.
...Sundar bhavabhivyakti..Dakiya ka intzar ham sabhi ko !!
Dakiya daak laya....
Achhi rachna!!!
Phone aur net ne halanki chitthi ka mahatv ghata diya hai.....
भारती जी
ब्हुत सुन्दर कवित लिखी आपने आपको बधायी
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