जब चिट्ठियों ने भरी पहली बार हवाई उड़ान : प्रयाग कुंभ मेले के दौरान 18 फरवरी
1911 को शुरू हुई थी दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा
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कुंभ प्रयाग ही नहीं बल्कि संगम की रेती पर लगने वाला विश्व का सबसे बड़ा स्वतः
स्फूर्त आयोजन है। कुंभ सिर्फ मानवीय आयोजन नहीं बल्कि एक दैवीय और आध्यात्मिक
म...
1 दिन पहले
5 टिप्पणियां:
बढ़िया कविता.........."
amitraghat.blogspot.com
shaandaar abhivyakti
ek behatareen rachana jo jidagi ko jeene ke liye prerit karti hai.
जिंदगी एक रात है ,
जिसमे न जाने कितने खवाब है
जो मिल गया वो अपना है ,
जो टूट गया वो सपना है
ये मत सोचो की जिंदगी में कितने पल है ,
ये सोचो की हर पल में कितनी जिंदगी है
तो हर पल जिंदगी हंस कर जियो ,
हर पल को जी भर के जियो
हस्ते रहो मुस्कुराते रहो
प्रस्तुतकर्ता संजय भास्कर पर
behtrin rachna
MERI KAVITA KO APNE BLOG ME JAGAH DI
MERE LIYE SOBHGYA KI BAAT HAI SIR..
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