तनकर चलने से मिला कुछ भी नहीं ।
सत्य केवल "मौत'' के सिवा कुछ भी नहीं ॥
तनकर चलने वाले
दुःख ही देते हैं सदा ।
प्यार से बनकर लचीला
बाँटता चल सुख सदा ॥
Shree Dwarkadhish Temple : द्वारकाधीश श्री कृष्ण की द्वारका नगरी आज भी
रहस्यमयी है
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वर्तमान उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृन्दावन में पले-बढे और रास-लीला रचाते
कृष्ण-कन्हैया गुजरात में आकर द्वारकाधीश हो जाते हैं। हम लोग उनकी बाल-लीला,
रास-ली...
5 दिन पहले
1 टिप्पणी:
आपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।
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