जन्म लेने से पहले ही
मार दी जाती है ‘बाला’
न रहम उसकी खातिर
न उसके पथ में ‘उजाला’
अगर बच गयी
यदि जन्म ले लिया तो
जकड़ दी जाती
फौलादी बेडियों में
दबकर, सिमट कर
है जीना उसकी फितरत
बसर कर रही है
कई भेडि़यों में
ले आवलम्बन अभी भी
सदा जी रही है
कटु, विष के प्याले
सदा पी रही है
कभी माता-पिता तो
कभी पति की दासी
है ‘ममता’ का सागर
रहती फिर भी है प्यासी
नहीं सुख का आंचल
”भारती“है गहरी उदासी
डाक विभाग की आधुनिक सेवाओं और डिजिटल पहल से नागरिकों को मिला सुविधा लाभ -
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
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डाक विभाग वर्तमान में डिजिटल इंडिया व वित्तीय समावेशन में अपनी भूमिका को और
मजबूत बना रहा है। इसके व्यापक नेटवर्क, सर्वसुलभता और भरोसेमंद सेवाओं के
कारण ...
20 घंटे पहले