शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

सरहद पैर

दो आतंकी ढेर
दो जवान शहीद
कुल मिला कर
चार घरों में अँधेरा
दो इधर
तो दो घर उधर
जरी है अभी सिलसिला
सरहदों पर
..आमीन..
प्रस्तुतकर्ता संजय भास्कर पर

गुरुवार, 22 अप्रैल 2010

डाकिया

तन पर झोला , मन है भोला
घूम रहा है गली - गली
आओ अपनी चिठ्ठी ले लो
हर द्वार-द्वार पुकार चली

मीठे -मीठे श्वर को सुनकर
मुरझाये चेहरे खिल जाते
यादों में है जिन्हें बसाया
पत्रों में आकर मिल जाते

वर्षा हो या जेष्ठ दुपहरी
तूफां हो या शीत हो गहरी
हर मौसम में नित-दिन आता
बन करके "हर दिल" का प्रहरी

सबसे उसका प्रेम का नाता
नित-दिन नयें संदेशे लाता
हर सुख-दुःख का वह भागी है
हर "दिल" उसका अनुरागी है

बुधवार, 14 अप्रैल 2010

बाबा अम्बेडकर की जयंती पर नमन

***आज संविधान-निर्माता बाबा अम्बेडकर जी की जयंती पर शत-शत नमन ***